CTET परीक्षा में बड़ा बदलाव: अब तीन चरणों में देनी होगी परीक्षा, जानिए नए नियम
अगर आप शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं और केंद्रीय विद्यालयों में नौकरी पाना चाहते हैं, तो आपके लिए एक जरूरी खबर है। केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) में एक अहम बदलाव किया गया है। अब इस परीक्षा को पार करने के लिए परीक्षार्थियों को तीन अलग-अलग चरणों में परीक्षा देनी होगी। यह नई व्यवस्था केंद्र सरकार और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) द्वारा लागू की जा रही है। इस नए नियम को लागू करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है और इसके तहत कक्षा 1 से 12 तक के शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है।
CTET परीक्षा अब तीन चरणों में
पहले तक CTET परीक्षा दो स्तरों पर होती थी:
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पेपर-1: कक्षा 1 से 5 तक के शिक्षकों के लिए
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पेपर-2: कक्षा 6 से 8 तक के शिक्षकों के लिए
लेकिन अब इस व्यवस्था में एक तीसरे पेपर को जोड़ने का प्रस्ताव सामने आया है, जो कक्षा 9 से 12 तक के शिक्षकों के लिए होगा। यानी अब जो अभ्यर्थी उच्च माध्यमिक स्तर (Secondary & Senior Secondary) के शिक्षक बनना चाहते हैं, उन्हें भी CTET पास करना होगा। इस परिवर्तन से शिक्षा प्रणाली में गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों का चयन सुनिश्चित किया जा सकेगा।
NCTE और CBSE की संयुक्त पहल
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने मिलकर इस नए बदलाव की सिफारिश की है। इस प्रस्ताव को लेकर कहा जा रहा है कि नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत जो सुधार लाए जा रहे हैं, उसी के अनुरूप CTET परीक्षा प्रणाली को और अधिक सशक्त और व्यापक बनाया जा रहा है।
NCTE ने सुझाव दिया है कि कक्षा 9 से 12 तक पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए भी शिक्षक पात्रता परीक्षा अनिवार्य होनी चाहिए, ताकि केवल योग्य अभ्यर्थी ही शिक्षा क्षेत्र में प्रवेश कर सकें। इस दिशा में CBSE ने भी अपनी सहमति दे दी है, और संभावना है कि आगामी वर्ष से यह नई प्रणाली लागू हो जाएगी।
नई शिक्षा नीति 2020 का प्रभाव
नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार देश की शैक्षणिक व्यवस्था को अधिक व्यावसायिक, व्यावहारिक और परिणामोन्मुख बनाने की दिशा में कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसी नीति के तहत यह निर्णय लिया गया है कि अब CTET परीक्षा को तीन स्तरों में विभाजित किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह है कि विभिन्न कक्षाओं के लिए शिक्षक बनने वाले अभ्यर्थियों की दक्षता को ठीक से परखा जा सके।
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फाउंडेशन स्टेज (कक्षा 1-5)
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प्रिपरेटरी और मिडिल स्टेज (कक्षा 6-8)
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सेकेंडरी स्टेज (कक्षा 9-12)
इस तीन-स्तरीय प्रणाली से छात्रों को उन शिक्षकों से पढ़ने का अवसर मिलेगा जो विशेष रूप से उस स्तर की शिक्षा देने के लिए प्रशिक्षित और प्रमाणित होंगे।
CBSE की भूमिका
CBSE जो अब तक CTET का आयोजन करता आया है, इस बार परीक्षा के इस नए ढांचे को अपनाने जा रहा है। बोर्ड ने इस बदलाव को हरी झंडी दे दी है और इसे लागू करने की तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। CTET की आगामी परीक्षाएं नए ढांचे के तहत आयोजित की जा सकती हैं।
इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर कक्षा स्तर के लिए शिक्षक की गुणवत्ता को परखा जाए। अब CTET पास करने वाले अभ्यर्थियों को केवल अपने विषय में नहीं, बल्कि उस कक्षा स्तर की समझ भी होनी चाहिए जिसमें वे पढ़ाने जा रहे हैं।
प्रभावित होंगे लाखों अभ्यर्थी
हर साल लाखों छात्र-छात्राएं CTET परीक्षा में भाग लेते हैं। इस बदलाव का सीधा असर इन सभी परीक्षार्थियों पर पड़ेगा। अब उन्हें यह तय करना होगा कि वे किस स्तर का शिक्षक बनना चाहते हैं और उसी के अनुसार परीक्षा की तैयारी करें।
जो उम्मीदवार पहले केवल कक्षा 1 से 8 तक की तैयारी करते थे, उन्हें अब यह सोचकर चलना होगा कि यदि वे कक्षा 9 से 12 तक पढ़ाना चाहते हैं, तो उन्हें तीसरे पेपर के लिए भी तैयारी करनी होगी।
अगले सत्र से लागू होने की संभावना
NCTE और CBSE द्वारा मिलकर इस नए नियम को लागू करने की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं और उम्मीद की जा रही है कि 2026 से CTET परीक्षा का नया ढांचा लागू हो सकता है। हालांकि अंतिम अधिसूचना का इंतजार अभी भी किया जा रहा है, लेकिन उच्च अधिकारी इस प्रस्ताव को मंजूरी दे चुके हैं।
अगर यह नियम लागू होता है, तो यह शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया में एक बड़ा परिवर्तन साबित होगा। इससे शिक्षक बनने के इच्छुक अभ्यर्थियों को एक स्पष्ट दिशा मिलेगी और वे खुद को अधिक केंद्रित रूप से परीक्षा के लिए तैयार कर सकेंगे।
फायदे और चुनौतियां
फायदे:
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शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
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प्रत्येक स्तर के लिए उपयुक्त शिक्षक उपलब्ध होंगे।
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छात्रों को बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा।
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भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी होगी।
चुनौतियां:
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अभ्यर्थियों पर अतिरिक्त तैयारी का दबाव होगा।
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परीक्षा में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
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तैयारी के लिए अलग-अलग रणनीतियों की जरूरत होगी।
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